मैं समझता हूँ

समझता हूँ, जब रुंधे गले से तुम मेरे घर न आने का कारण पूछती हो, समझता हूँ कि मुझसे बात करने के बाद शायद घंटो सिर्फ मेरे बारे में खयाल…

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सूरज का पता

दिल का दर्द आंखों में उतर आये तो कोई छुपाये कैसे ? जिसने पिये न हो दर्द के समुंदर उसे कोई खुदा बताये तो बताये कैसे लोग कहते हैं सफर…

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तुम्हारा प्रेम

तुम्हारा प्रेम, जैसे अथाह समुद्र अकेली नाव और कोई अपना दिख जाए! तुम्हारा प्रेम, जैसे मेले में बिछड़े छोटे बच्चे को अचानक कोई अपना मिल जाए! तुम्हारा प्रेम, एक कुशल…

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