प्रेम

प्रेम मोह में नहीं बाँधतायह तो स्वतंत्र कर देता हैहर माया मोह सेप्रेम वही कर सकता हैजो त्याग कर सकता हैजो भय से ग्रसित हो उसे प्रेम की प्राप्ति? सम्भव…

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मैं पढ़ता रहूँगा और लिखता भी

मैं पढ़ता हूँ बेहद कम और लिखता हूँ बे-कनार लेकिन कहना चाहूंगा कि - जो पढ़ता हूँ रखता हूं याद। जब पढ़ता हूँ - केदारनाथ सिंह जी की "पांडुलिपि" या…

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बरगद का बलिदान

मैं बरगद हूँ नहीं हुआ हूँ बूढ़ा मैंने तरुणाई भर पार करी है। छुआ नहीं है अभी धवल हो, जूट-जटाओं ने धरती को, रंगत मेरी हरी भरी है। अभी आई…

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