मुँह फेरकर चली न जाना

इन टूटी फूटी राहों पर इन झुकी हुई बांहों पर हिम्मत तुम बन जाना मुँह फेर कर चली न जाना !! गीली पलकों पर बैठी निराशाओं की कहानी एक उसको…

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क़दम मिलाकर चलना होगा

बाधाएँ आती हैं आएँ घिरें प्रलय की घोर घटाएँ, पावों के नीचे अंगारे, सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ, निज हाथों में हँसते-हँसते, आग लगाकर जलना होगा। क़दम मिलाकर चलना होगा।…

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दस्तक़ देके तो देख

बुझी समा फिर से जलेंगी ग़मों के बादल फ़िर से छटेंगें फ़िर से आएगी मौसम खुशियों वाली बस तू दस्तक़ देके तो देख सावन फ़िर से बरसेगी छाएगी फ़िर से…

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