हैप्पी बड्डे गाँधी ब्रो

कोई कहता ऐसे हो कोई कहता वैसे हो ये सब छोड़ो,और बताओ स्वर्गलोक में कैसे हो "सब जन एक बराबर" सुनकर भारत का दिल ऊब गया है सत्य,अहिंसा वाला बिस्किट…

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एहसास

तुम्हें ... हाँ , तुम्हें देखने का मेरा इरादा ना था गीले बालों में इतनी सुंदर दिखोगी इसका अंदाजा ना था तुम्हें देखते ही दिल की धड़कन रुक गयी सच…

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नियति

मैं उम्मीदें तोडूंगा मैं आशंकाएं पैदा करूंगा दूर होकर भी मेरा डर हमेशा तुम्हें सिहरन देगा पास जो होगा पायेगा स्नेह और सम्मान मुझसे मैं लुटी हुई जागीर की सिपाही…

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