कल के अखबारों के लिए

आख़िरी दिसंबर की इस सर्द रात अपने एकांत कमरे में जब मैं तलाश रहा हूं अपनी नींद के लिए एक सुरंग कमरे के बाहर पसर चुका होगा कुहासा सड़क की…

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कुछ खाने को है?

वह संवेदनशील था.. उदास हो जाता था वह धारावाहिक में किसी के प्रेम विलाप को देख कर पड़ोस के घर में हुए कुत्ते की मौत पर नही खाया उसने तीन…

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जन-गण-मन का सम्मान रहे

हम असि-मसि के संयोजन से, चित्र बनाया करते हैं। मिला स्वेद में शोणित को, नवरंग सजाया करते हैं। प्यार कपोतों से हमको,पर बाजों से परहेज नहीं। भारत की नव तरुणाई…

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