गुमनाम शायर

वह एक गुमनाम शायर है जो सारा वक़्त एक आलम ए हैरत में रहता है हवाओं में ना जाने किसकी एक सूरत बनाता है वही शायर जो नज़्मों में किसी…

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सफर

कोई काम नही करना हैं इस काम के बाद।कोई नाम याद नहीं रखना तेरे नाम के बाद।।किसी को जानना है तो उससे रात में मिलोअक्सर चेहरे से नकाब उतार देते…

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तेरी आंखें

पर्वत, सहरा, कश्ती, दरिया तेरी आंखें हैं, दीपक-जुगनू-चांद-सितारे तेरी आंखें हैं। एक समन्दर लहराता सा मेरी पलकों में, और उसी का दूर किनारा तेरी आंखें हैं। जो जज़्बात उठा करते…

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