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सफर

कोई काम नही करना हैं इस काम के बाद।
कोई नाम याद नहीं रखना तेरे नाम के बाद।।
किसी को जानना है तो उससे रात में मिलो
अक्सर चेहरे से नकाब उतार देते हैं लोग शाम के बाद।।
फिर एक नए सफर पर चल पड़े
एक सफर के अंजाम के बाद।।
कुछ भी कहो अच्छा आदमी था।
सब कहते है किसी के भी इन्तकाल के बाद।।

– रोहित गुर्जर