अहसास

तुम इतनी सहज नहीं जितने कि पापा जितना कि मेरा दोस्त तुमसे बात करने से पहले सोचना पड़ता है उतना जितना कि घर जाने से पहले उतना जितना कि किताब…

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कवि हूँ मैं

कुछ ख़्वाब ऐसे भी रहे जिन्हें ना पलकें मिली ना आंसुओ का साथ मिला जिन्हें ना रात की नींद नसीब हुई ना भोर की हक़ीक़त का साथ मिला मेरा ऐसे…

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होली

अरे वो भौजी कहाँ नुकाएल बाड़ु…. अरे तनी बहरियो निकलऽ …इ देख के आइल बा…तहर भैया । अरे ना ना हम ना निकलब रउरा सबे हमे रंग लगावे आइल बानी…

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