तुम आना कभी

तुम आना कभी ख्यालों में मेरे कभी टोकना कैसे जीने लगी हो तुम कभी रोकना, कैसे बेतरतीब हँसने लगी हो तुम कभी रुठना कि, क्यों नहीं तुमनें विश किया मुझे…

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परछाइयां

"कुछ देर पहले तक वो यहीं था। बालकनी में बैठ कर सिगरेट पी रहा था। मैं भी उसके साथ ही था। पता नहीं अचानक से कहाँ चला गया। मुझे उसकी…

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