अधूरा ख़्वाब

बड़ी झील के पास लहरों में हो रही हलचलों के बीच उसने मेरे शानो पर सर रखते हुए पूछा, हम एक साथ ख़्वाब क्यों नहीं देख सकते?मैंने कहा, मैं अक्सर…

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वादा

कि अब सेढोंग नहीं करेंगेप्यार-व्यार कामैं आया न करूँतो कभी इंतज़ार मत करनान ताका करूँतो फेर लेना अपना मुखड़ा भीगर गुस्सा आया करे मुझेतो नाटक मत करना मनाने कामैं न…

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मेरी कहानी

कुछ किताबों सी हैजिन्दगी मेरीसुलझे से तो हैं पन्नेमगर उलझी सीहैं कहानियाँ सभी उलझी कहानियांसुलझे किस्सेकुछ तेरे हिस्सेकुछ मेरे हिस्से शालिनी सिंह

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