बचा हुआ काम

मैं बर्फ से भी कई गुना ज्यादा ठण्डा हो चुका था। मेरे शरीर का तापमान कितना रहा होगा मुझे याद नहीं, लेकिन मुझे जैसे ही कोई छूता तो उसके पूरे शरीर…

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रोशनी

फैलाते हो रोशनी तुम भी तो,अपने सुविचारों से,अच्छे कर्म से।डूबते तुम भी तो हो,कभी गम के साये में,तो कभी तम के घेरे में,हो जाते हो लाल,कभी शरम से,कभी गरम से।ठीक…

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मेरी कहानी

कुछ किताबों सी हैजिन्दगी मेरीसुलझे से तो हैं पन्नेमगर उलझी सीहैं कहानियाँ सभी उलझी कहानियांसुलझे किस्सेकुछ तेरे हिस्सेकुछ मेरे हिस्से शालिनी सिंह

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