लाइन ऑफ़ कंट्रोल

बात बहुत मामूली थी। सबेरे नौ बजे शहर के अहीर टोले का एक लड़का गोपीचंद यादव हमेशा की तरह साइकिल से कॉलेज जा रहा था। बी.ए फाइनल ईयर का छात्र…

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रात

वो अक्सर कहा करती थी उसे रात में अकेले डर लगता है वो मानती थी कि भूत होते है और भूत के उलटे पैर भी, अपने कमरे की बालकनी से…

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एक मुस्कान

ये हवा ये गुलाबी मौसम सब बेमानी है तेरी एक मुस्कान से ये सुर्ख गुलाब ये तंज़ फ़िज़ा सब बेमानी है तेरी एक मुस्कान से खता हो जो बात झूठ…

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