यादें

पल दो पल की यादों में जब वो मंजर समां रखा था क्या कहें हम वो आलम कितना दर्दनाक था रह रह कर तेरी वीरान सी वो गलियां मुझे मेरे…

Continue Readingयादें

नज़्म

उसने एक प्रेम किया और उस प्रेम में कई बार धोखे खाये वह तकिये में मुंह छुपा के रोया हर रात कभी अँधेरे भीड़ भरे कमरे में सिसकी की आवाज़…

Continue Readingनज़्म

मर जाऊंगा

दबाओगे मुझे, रोकोगे मुझे मेरी बात को रखने से, क्योंकि तुम्हारी बात कह दी है मैंने। कही तो बात मैंने अपनी, पर बात थी तुम्हारी। डर गए हो तुम, सोच…

Continue Readingमर जाऊंगा

End of content

No more pages to load