आज़ाद परिंदा

तू दुखी क्यों है? जो दुखी है तो रोती क्यों नहीं? इंसान है, भावनाएं हैं बह जाने दे क्यों समेट रही है खोल बाहों को तू परिंदा है खुद को…

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मैं और मेरा मन

https://www.youtube.com/watch?v=W_QGjfE_4UE कुछ तो कर मेरे माज़ी कुछ तो बना मुझे, डाल दे वहशत में या पागल बना मुझे। बरसों हुए है आंख में ठहरा नही कोई, हो सके तो कोई…

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मां

गांव के पुराने मंदिर से घर के कुलदेवता तक पिछवाड़े के बूढ़े पीपल से आंगन की तुलसी तक पूजा के लिए सुबह-सुबह चुने जाने वाले अड़हुल और कनैल के ताजा…

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