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जुराबें

उनके जाने का बाद 
मैं अक्सर उदास ही बैठी रहती थी
मन में हमेशा एक सूनापन होता था

एक रोज़ आमिर मेरे पास आया और
बहुत ही प्यार से उसने मुझसे कहा
अम्मी आप इतनी उदास क्यों रहती हो ?

इतने हैंडसम लड़के की अम्मी हो
कम से कम चेहरे पर एक स्माइल तो रखा करो

उसकी इस बात से मुझे हँसी आ गई
उसने मेरे माथे को चूमा और जाने लगा

जब वो जाने लगा
तब मेरी नज़र उसके पैरों पर पड़ी
आमिर आज पहली बार अपने अब्बु की
जुराबें पहने हुए था |

– सुलभ सिंह