You are currently viewing रिपब्लिक डे

रिपब्लिक डे

पापा ; 
मुझे मॉर्निंग में जल्दी उठा देंगे क्या?
मैं कल स्कूल के लिए
लेट नहीं होना चाहती |

बेटा क्या करोगी स्कूल जाकर,
छुट्टी ही तो होती है कल ;

पापा की बात सुनकर शुभि कुछ नही बोली
अपने कमरे में जाते हुए सिर्फ इतना ही कहा उसने

कोई बात नही पापा मैं खुद उठ जाउंगी
आप परेशान मत होना
और हाँ पापा, कल छुट्टी नही
रिपब्लिक डे है |

खुले दरवाज़े की तरफ जब तक पापा की नज़र गई
तब तक वो चली गई थी |

– सुलभ सिंह