You are currently viewing वो लड़की

वो लड़की

बहुत कोरी है वो लड़की
जिस रंग के कूचे से रंग भर दो
गुलज़ार दिखेगी,
तुम नरम, वो नरम
तुम्हारी मुस्कराहट, उसकी हँसी
तुम सख्त, वो सख्त
तुम नाखुश, वो परेशां
तुम ख़ार,
तो वो ख़ार-ख़ार दिखेगी
बहुत कोरी है वो लड़की
जिस रंग के कूचे से रंग भर दो
गुलज़ार दिखेगी |

आईना है वो
तुम्हें खुद से मिलवायेगी
मासूमियत, शरारत, ख़्वाब
अरमान, हक़ीकत से
रूबरू करवायेगी
शीशा नहीं है
जो आर पार दिखेगी
झूठ फ़रेब वादे वफ़ा
तुम जो हो
वही हर बार दिखेगी
बहुत कोरी है वो लड़की
जिस रंग के कूचे से रंग भर दो
गुलज़ार दिखेगी |

– रोमा रागिनी