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धोखा

एक निराश, हताश से व्यक्ति
की आशावादी अभिव्यक्ति
कोई नज़्म नहीं है,
धोखा है

धोखा है उसके खुद के साथ,
धोखा है पाठक के साथ।
धोखा है यह सबके साथ,
धोखा है समाज के साथ।।

एक निराश, हताश से व्यक्ति
की आशावादी अभिव्यक्ति
कोई नज़्म नहीं है,
धोखा है

-प्रद्युम्न चौरे