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तुम रह जाओगे

तुम मुझमें कहीं रह जाओगे, मैं तुझमें कहीं रह जाऊंगी
कभी चेहरे की हंसी तो आंखों में नमी कभी बन आऊंगी
याद आओगे तुम मुझे, कोई नया गीत फरमाऊंगी
याद करोगे तुम मुझे, हवा में घुल आ जाऊंगी
कुछ रिश्तों में साथ नहीं होता उम्र भर का
लेकिन यादें दिल में दवा और कारण दोनों बनती हैं हर दर्द का
कुछ दूर तुम चले जाओगे मुझसे, कि कुछ दूर मैं भी चली जाऊंगी
रह-रहकर हंसते-रोते याद बनकर दिल में आऊंगी
ढूंढ़ोगे मुझे अपने पास कभी, तो शायद मैं न मिलूं
तेरी बातों में, तेरे अंदाज में शायद मैं रहूं
उदास चेहरे पर हंसी और हंसती आंखों में नीर ले आऊंगी
अकेले जब भी होगे तो मन में हौसला दे जाऊंगी…

– पल्लवी जैन