You are currently viewing कभी तो होगा इनके पार जाना

कभी तो होगा इनके पार जाना

कोशिशों का दौर है
फ़िक्रों का है ज़माना
अब नहीं चलेगा इनसे हार जाना
मुश्किलों से कब तक घबराओगे
कभी तो होगा इनके पार जाना

ज़िन्दगी है आज़माइश फकत
राहे अमल से फिर क्यों थक जाना
रंग लाएगी एक दिन मेहनत भी तेरी
कभी तो होगा इनके पार जाना

होती है लकीरों में तासीर तभी
किस्मत हो जब मेहनत से भरी
वक़्त को है अपनी चाल दिखाना
कभी तो होगा इनके पार जाना

जो थे वो चले गए
जो हैं उनको भी है जाना
खुद की नज़र में है अब पहचान बनाना
कभी तो होगा इनके पार जाना

नायाब हुसैन