ग़ज़ल

ऐसी भी क्या उड़ी है ख़बर देख कर मुझे सब फेरने लगे हैं नज़र देख कर मुझे क्यों छट नहीं रहा है सियह रात का धुआँ क्यों मुंह छुपा रही…

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ग़ज़ल

वो मेरा जीवन है बाबा उसके बिन उलझन है बाबा जिस दिन से दूर गई है थमी हुई धड़कन है बाबा जिस्म हो गया ख़ाली जैसे रूह हुई विरहन है…

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ग़ज़ल

कागज़ दिल पर,इस दिल की दरकार लिखेंगे। नाम लिखेंगे अपना,तुमको प्यार लिखेंगे। तुमको पा कर,दुनियाँ पा ली है मैंने। तुमको अपने जीवन में उपहार लिखेंगे। रोज़ नये लगते हो,रोज़ जुदा…

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