मेरी कहानी

कुछ किताबों सी हैजिन्दगी मेरीसुलझे से तो हैं पन्नेमगर उलझी सीहैं कहानियाँ सभी उलझी कहानियांसुलझे किस्सेकुछ तेरे हिस्सेकुछ मेरे हिस्से शालिनी सिंह

Continue Readingमेरी कहानी

बंटवारा

जब अपने तलवार पकड़ के बैठ गए,हम अपनी दस्तार पकड़ के बैठ गए।कैसे वो मनचाही मंज़िल पाएंगे,जो अपनी रफ़्तार पकड़ के बैठ गए।कसदन भी वो हमको छोड़ नहीं सकते,जो हमको…

Continue Readingबंटवारा

End of content

No more pages to load