ख़्वाब

कौनसा रंग लाएगा ख़्वाब, क्या क्या गुल खिलायेगा ख़्वाब। क्या ख़्वाब का ख़याल रखूं? ख़याल से मिलाएगा ख़्वाब? नींद की तहों में छिपकर, आंख को रुलाएगा ख़्वाब। सांस रुकने लगी…

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अच्छे लगते हो

जब भी मिलते हो ,तुम अच्छे लगते हो कभी मेरी डायरी के पन्नो में, तो कभी साहित्य की बहस पर अक्सर तुम झलकते हो, वैसे तो तुम बड़े जिद्दी हो…

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ग़ज़ल

हुज़ूर आपको ये दिल ये जान देते हैं ये तोहफ़े आपके शायान ए शान देते हैं ये अश्क ए हिज्र बड़े इम्तेहान देते हैं मगर ये आईने सच्चा बयान देते…

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