रचो नई ऋचाएँ

रचो नई ऋचाएँ कर्म ही जहाँ जात हो पिछले जन्म का ना कोई पाप हो अपनाओ नई प्रतिबद्धताएं रचो नई ऋचाएँ बहुत हुआ मनुष्यता का संहार करो रूढ़ियों, बन्धनों का…

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