इंतजार

मैंने देखा है उस तस्वीर को धुआं बनते हुए जो बनाई थी मैंने हर उस किनारे पर जहां जहां तुम्हारे होने के वहम पाले थे। पर मैं बैठ जाऊं कहीं…

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बचपन की यादें

बहुत दिनों की बात पुरानी याद आई सच के जैसी एक कहानी याद आई मां के साए भात की ख़ुशबू वाली शाम सौ - सौ किस्सों वाली नानी याद आई…

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बूंद

ये बूंदे कुछ-कुछ तुम जैसी हैं थोड़ी बावली तो थोड़ी मस्तानी सी कुछ सुकून तो कुछ बेचैनी भरी इस मुक्कमल से शहर में अधूरी सी हर कमी में थोड़ी-थोड़ी पूरी…

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