तलाक …तलाक ….तलाक
क्या होता है ये तलाक ?
शायद ये अलगाव है
और अगर ये अलगाव है
तो फिर मुझे भी चाहिये तलाक …
तुम्हारे इनकार से
याद है तुम्हे ,
जब पहली बार देखा था तुम्हे
दे दिया था खुद के
दिल को तलाक
मेरे दिल को तुमसे मोहब्बत है और
इसे सुनना है वो
तीन जादुई अल्फाज
कुबूल है , कुबूल है , कुबूल है
खुदा से मेरी बस
ये है दुआ
रखे वो तुम्हे खुश
हर पल हर घड़ी
बस यही इल्तिजा है
मेरी चाहत को तू करे कुबूल
और दे दे अपने इनकार को
तलाक …तलाक ….तलाक