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31मार्च

कल मार्च महीने का अंतिम दिन था,
जिसको देखो भागम भाग में लगा था,
कोई बैलेंस शीट चेक कर रहा था,
तो कहीं सरकारी विभाग ताबड़तोड़ तरीके से
टारगेट पूरा करने में लगे थे।

मेरे हिसाब से जिंदगी का भी
एक महीना ना सही एक हफ्ता होना चाहिए
जिसमे हम आप सब;
अपने अपने बीते साल का हिसाब चेक करें

कि कितने नए दोस्त बनाये ?
कितनो की मदद की ?
कितनों का दिल दुखाया?
कितनों के हम काम आये ?

इंसान जिस मशीनी तरीके से बस जिंदगी जिए जा रहा है
इसका भी हिसाब बहुत जरुरी है साहब।

क्योंकि जब आप इस दुनिया से जायें, लोग आपको याद करें
तब उनके चेहरे पर एक मासूम मुस्कराहट तो आनी चाहिए न |

–  शिवम् सिंह