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संग्राम

किसी क्रिया की प्रतिक्रिया होने तक
तू धैर्य रख सुबह होने तक
किसी काली रात का भ्रम न कर
संघर्ष जारी रख विजयी होने तक़

मन से तय होगी जीत तेरी
नि़राश न हो आस होने तक
स्पर्धा स्वयं से है तेरी
बढ़ता रह आगे शीर्ष में होने तक
अपने ही खड़े है तुझे गिराने में
तू मत हट पीछे सफल होने तक
जीवन है साँसो का संग्राम
जंग जीत जाएगा सफर तय होने तक

– श्वेता पांडेय