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शंखनाद

सूर्योदय से सूर्यास्त तक
इस छोर से उस छोर
एक कश्ती की भांति
असंख्य हलचलों और
अनगिनत उतार-चढ़ाव के साथ
बहता जीवन
सूर्यास्त के साथ ही
शांत शीतल और
माधुर्य से ओत-प्रोत
प्रसादगुणयुक्त अनुभव के साथ
एक नई सुबह का
शंखनाद करता है।

– स्पर्श गौरव