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लो फिर माहे रमजान आया

आसमान से फरमान आया
नेक अमल का जखीरा लाया
खुदा के नजदीक करने आया
लो फिर माहे रमजान आया…

तकदीर संभल जाये जिसमे
सीरत मुकद्दस हो जाये इसमें
नफ्स को काबू करने आया
लो फिर माहे रमजान आया…

गुनाह धुल जायेंगे सब
सब की मगफिरत कर देगा रब
नेक दिलों में ऐसा जमाल लाया
लो फिर माहे रमजान आया…

खुदा की हम्दो सना करे दिल
हुजूर की राह पर बेखौफ चले दिल
कुरआन की तिलावत से
रूह पाक करने आया
लो फिर माहे रमजान आया…

– नायाब हुसैन शारिक