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रूहानी इश्क़

जिन लफ्ज़ों की दुनिया दीवानी है
उनमें छुपी मुहब्बत की निशानी है।

मुश्किल है इस दिल को समझाना
हर धड़कन सुनाती तेरी कहानी है।

मुश्किल है दरिया इश्क़ पार जाना
आग सी धधकती यहाँ जवानी है।

जिस्म नहीं हमें तो रूह तक जाना
नहीं समझे ! हमारा इश्क़ रूहानी है।

समझना हो अगर तो घर आ जाना
प्रियम के दर पे मौसम रूमानी है।

– पंकज भूषण पाठक