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मेरी 26 जनवरी

चार पारले-जी बिस्कुट ,
दो बूंदी के लडडू और
नमकीन का पैकेट

बस फिर क्या,
छोटी सी निक्कर पहने ,
स्कूल की पी.टी करके ,
बाहर लगे ठेलों से बेर
नहीं तो मूंगफली,
फुलकी – चाट जैसी ऊलजलूल
चीजें खाकर आराम से वापस घर लौटना …

कभी मेरी 26 जनवरी
कुछ ऐसी भी हुआ करती थी ! !

 – पंकज जैन