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मुस्कानें

ये मुस्कानें किसी भी साधु के
वैराग्य पर
अनुराग छिड़क सकती हैं।
मैं दावे के साथ कह सकता हूँ
अगर राहुल जागकर मुस्कुराते हुए
पिता को रोकते तो
आज सिद्धार्थ तथागत नहीं होते।
ये मुस्कानें किसी निर्मोही
पर भी मोह पोत सकती हैं।
ये ब्लैक होल जैसी शक्तिशाली हैं
पर ब्लैक होल नहीं।
ये किन्हीं सूखते पौधों पर
घुमड़कर बरसने जैसी बरसातें हैं।
अतः मैं बिना किसी झिझक के कह
सकता हूँ।
बच्चों की मुस्कानें सृष्टि की सबसे
शक्तिशाली चुम्बकें होती हैं।

कुशल कौशल सिंह