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मुलाकात | 1

पता है पंखुड़ी आज
फिर उसका मैसेज आया है…
लिखा है कि एक बार मिलना चाहता है

तो मिल क्यों नहीं लेती,
सुन लो आखिर क्या कहना चाहता है,
इस तरह किसी को इग्नोर नहीं करते।

मैं कहां इग्नोर कर रही हूं
वही तो बोल कर गया था कि
अब तेरे और मेरे बीच कोई रिश्ता नहीं है।
मुझसे कभी कॉन्टेक्ट करने की कोशिश मत करना…
कितना बुरा लगाता है यार
किसी का जिंदगी से इस तरह अचानक चले जाना।
और वो भी उस इंसान का,
जिसके बिना हम
अपने वजूद की कल्पना तक नहीं कर रहे होते।

यार, कोई मजबूरी रही होगी
नहीं तो कॉलेज के तीन सालों में मैं जितना उसे समझ पाई वो ऐसा नहीं…।

– राहुल रंजन