एक मुस्कान

ये हवा ये गुलाबी मौसम सब बेमानी है तेरी एक मुस्कान से ये सुर्ख गुलाब ये तंज़ फ़िज़ा सब बेमानी है तेरी एक मुस्कान से खता हो जो बात झूठ…

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