शहर की छत Post author:contentmohalla Post published:09/29/2017 Post category:सोच सेगमेंट अब शाम होती है तो घर की छतों में लोग नहीं होते, हाँ, पानी की टंकियाँ होती हैं… डीटीएच की छतरियां होती हैं… खिड़की से चिपकी AC की मशीनें होती हैं… Wi-Fi के सिग्नल होते हैं। शायद, इतना कुछ छत पर है इसलिए लोग छत पर नहीं हैं। – पंकज जैन Please Share This Share this content Opens in a new window Opens in a new window Opens in a new window Opens in a new window You Might Also Like उम्मीद 11/03/2017 सोच सेगमेंट 09/16/2017