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ग़ज़ल

बाद ए सबा है वो एक लड़की
अब्र ए घटा है वो एक लड़की॥

नूर ए ख़ुदा है वो एक लड़की
जान ए फ़िजा है वो एक लड़की ॥

क़द ए रअना है वो एक लड़की
जान ए जाना है वो एक लड़की ॥

बाग़ ए जहाँ है वो एक लड़की
रूह ए रवां है वो एक लड़की ॥

माह ए ताबां है वो एक लड़की
मेरी बिटिया है वो एक लड़की ॥

– आशुतोष पांडे