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आत्मकथा

मेरी कहानी को हर किरदार तुमने दिया
और अब वो किरदार
तुम्हारी ही तरफदारी कर रहे हैं
जिंदगी के हर मायने बदल गये हैं, अब तो
अगर कुछ बदला नही तो; वो सिर्फ मैं हूँ

लेकिन मेरी ही कहानी में,
खुद मैं ही विलेन बन बैठा हूँ
जानती हो इसकी वजह
क्योंकि तुमने मेरे किरदार को
विलेन की तरह पेश किया
और मैंने तुम्हारे किरदार को
लीड हिरोइन की तरह |

ये लिखते वक़्त सिद्दार्थ की
आँखों में आंसू थे और
उसने अपनी आत्मकथा की
अंतिम लाइन लिख दी थी |

– गुलमोहर