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आईसीयू

रात के दो बजे थे घड़ी में कि
अचानक फोन वाइब्रेट हुआ

भाई सरकारी अस्पताल आ सकता है क्या?

एक मरीज को ब्लड की जरुरत थी,
बहुत क्रिटीकल हालत है उसकी
प्लीज आ जा भाई…….
दोस्त ने फ़ोन पर कहावो तुरंत उठा और बाईक से अस्पताल पहुँचा..।
जैसे ही आईसीयू के अंदर गया तो बिलकुल सन्न रह गया
उसके सामने मिनी थी ….!

पूरे तीन साल बाद मिली थी वो उसे,
अब उसकी लहराती जुल्फें नहीं थी,
चेहरे की चमक भी गायब थी,
उसके दोस्त ने बताया की ब्लड कैंसर के लास्ट स्टेज पर है मिनी ….।
बिना कुछ बोले ही वो ब्लड डोनेट करने को तैयार हो गया

मिनी ने भी पहचान लिया था उसे
वो अपने बेड पर लेटे-लेटे उसके तरफ़ देखने लगी…।
आँखे; आँखो से बात कर रही थीं, उस सन्नाटे में भी हजारों शब्द तैर रहें थे…।
और फिर….
अचानक से सब कुछ ही शांत हो गया

– दीपक अग्रवाल