वक़्त के मुसाफिर

आँखों में वो जूनून दिखा जो समंदर डुबो दे उम्मीदों में वो अलख जगा जो घने अँधेरे को चीर दे खुदी को पहचान तू ग़ालिब की बस नहीं है खुदी…

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मैं और मेरा वक्त

एहसान होगा तेरा ए वक्त अगर, मुझे मेरे वक्त से मिला दे । वक्त ने कहा तू बडा भोला है। मैने कहा तू बडा बडबोला है।। जब दुनिया न थी…

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