चलो यहाँ से निकलते हैं

काफ़िले का शौक़ था पर घटते क्रम की गिनती जैसे लोग ज़िन्दगी में दहाई से इकाई हो गए भीड़ बनाम अकेलेपन के नफे नुकसान से परे शोक मना लिया न…

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