जन-गण-मन का सम्मान रहे

हम असि-मसि के संयोजन से, चित्र बनाया करते हैं। मिला स्वेद में शोणित को, नवरंग सजाया करते हैं। प्यार कपोतों से हमको,पर बाजों से परहेज नहीं। भारत की नव तरुणाई…

Continue Readingजन-गण-मन का सम्मान रहे

बरगद का बलिदान

मैं बरगद हूँ नहीं हुआ हूँ बूढ़ा मैंने तरुणाई भर पार करी है। छुआ नहीं है अभी धवल हो, जूट-जटाओं ने धरती को, रंगत मेरी हरी भरी है। अभी आई…

Continue Readingबरगद का बलिदान

End of content

No more pages to load