You are currently viewing सोच सेगमेंट

सोच सेगमेंट

बंद कमरे में बैठकर
पुरानी यादों के सहारे
अगर ज़िंदगी चलती,

तो जिंदगी की नई राहों पर
नये राहगीर कभी न मिलते।