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मैं लिखना चाहता हूं

मैं लिखना चाहता हूं…
किसान के खलिहान
गेहूं की पकी बालियों का जिक्र
कसमसाती धनिये का गंध
पककर लदे जामुन की कसाहट
पके महुए का मदहोश स्वाद.

मैं लिखना चाहता हूं…
चाहरदीवारी पर रखे
गुलाबी गमले की फूलों पर
मंडराती रंग-बिरंगी
उस जानी-पहचानी
तितली की शोख अदाओं को,

मैं लिखना चाहता हूं…
ढ़लती शाम की गरमाहट
पालतू कुत्ते की भूख की आहट
बांस के झुरमुटों की
चुर-चुराहट से छनकर आती
पक्षियों की हंसी-ठिठोली.

मैं लिखना चाहता हूं…
उफनती रात के उस
षड़यंत्र के बारे में ..
वे सब जो,
देर शाम तक
अपने घर नहीं पहुंच पाएं..

-पवन मौर्य