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मैं और मेरा वक्त

एहसान होगा तेरा ए वक्त अगर,
मुझे मेरे वक्त से मिला दे ।
वक्त ने कहा तू बडा भोला है।
मैने कहा तू बडा बडबोला है।।

जब दुनिया न थी तब भी तू था,
मगर इतना बता तू क्या माँ से,
पहले आया।
वक्त थोडा घबराया ,
और कहने लगा
दुनिया में सबकुछ मैने बनाया।

मैने कहा, मैं भोला-भाला ही सही
मुझे मेरी माँ ने तुझ जैसा
रंग बदलना न सिखाया।
शुक्रिया मेरे वक्त,
तू मिले या न मिले,
पर मेरी माँ ने वक्त पर मेरा,
वक्त बताया।

वक्त थोडा ठहरा, और कहने लगा
एहसान होगा मुझ पर तेरा अगर,
तू मुझे माँ से मिला दे ।।
मैने वक्त से कहा,
तू मेरा हर एक वक्त
मेरी माँ का बना दे ।।

– अमित कुमार उपाध्याय