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दो दोस्त बिछड़ने के बाद

दो दोस्त बिछड़ने के बाद,
अक़्सर महसूस करते है
तन्हाई में एक दूसरे की कमी,
अचानक आमने सामने बैठने पर
नज़रे चुरा कर देखते रहते है
एकटक एक दूसरे की ओर,
जब तक कि ना मिले दोनों की नज़रें
नज़रें मिलने पर झुका लेते हैं अक्सर ही
अपनी नज़रों को या देखने लगते है इधर उधर

दो दोस्त बिछड़ने के बाद
अमूमन ही दिखाते रहते हैं
एक दूसरे को बनावटी खुशी
जिसका मतलब होता है कि
वाकई वो बिछड़ने पर नही है खुश,
लेकिन परिस्थितियों के फसादों के आगे बेबस होकर
करते रहते हैं नए लोगों के साथ खुश रहने का दिखावा

दो दोस्त बिछड़ने के बाद
अकेले में देखते रहते हैं पुरानी तस्वीरों को
और रात के अंतिम पहर तक पढ़कर
महसूस करते हैं पुरानी चैटों को
जो व्हाट्सएप या मैसेंजर पर हुई थी,
कुछ बरसों पहले शुरू

दो दोस्त बिछड़ने के बाद
कोसते रहते हैं एक दूसरे को
उन बातों के बारे में
जो जाने अनजाने में कहने के बाद
ले लेती है एक ठोस और बेहद कड़ा फ़ैसला
जिसमें शामिल हो चुका होता है
बिछड़ना

दो दोस्त बिछड़ने के बाद
नही करते हैं कभी भी एक दूसरे की बातें
और ना ही करना चाहते हैं कभी भी ख़ुद
एक दूसरे से कोई बात,
जबकि मन में आते हैं बार बार कई ख़्याल
जो बार बार कहते है कि चलो जो हुआ सो हुआ
लेकिन दिल से आती है एक आवाज़
दोनों को लगता है कि
अब नही है कुछ भी ऐसा
जो था हमारे दरमियां पहले
और इसी तरह बहल जाता है दिल भी

दो दोस्त बिछड़ने के बाद
रोज़ सोचते हैं एक दूसरे के बारे में
लेकिन दिल मे उठती है एक कसक
कि अब क्या फ़ायदा
वो मिटा देना चाहते हैं उन सारी यादों को
जो कि कभी ना मिटने वाली होती हैं
दोनों हिचकाने लगते हैं जब कोई
पूछता है उनसे एक दूसरे के बारे में
और नही होता है दोनों के पास कोई जवाब

दो दोस्त बिछड़ने के बाद
अग्रसर होते है अजनबी बनने की ओर
और जताने लगते है जमाने की नज़रों में कि
हम नही जानते है एकदूसरे को
लेकिन
भर आती है अक्सर आंखे
निकल ही पड़ते है आंसू
क्योंकि वो जानते है
बिछड़ने से पहले की दोस्ती के मायने!
दो दोस्त बिछड़ने के बाद…

– पंकज कसरादे