You are currently viewing जिंदगी के पन्ने

जिंदगी के पन्ने

जिंदगी भी किताब से कम नहीं है
कुछ पन्नों के बीच कुछ सूखे फूल
कुछ पन्नों को फाड़ कर
कुछ पन्नों को मोड़ कर
कुछ पन्नों पर कुछ लिख कर
कुछ पढ़े- कुछ अधूरे पन्ने
कुछ मैले कुचले कुछ साफ सुथरे पन्ने
जिंदगी भी तो कुछ ऐसी ही है।

– केतन अग्रवाल